नबी स॰ की पत्नियों का सम्मान
नबी स॰ की पत्नियों का सम्मान - (हिन्दी)
सहाबा का सम्मान अहले सुन्नत वल जमात की अटूट धारणा
प्रस्तुत लेख में इस्लामी कैलेंडर के प्रथम महीने मुहर्रम का चर्चा करते हुए इस महीने की दसवीं तारीख को रोज़ा रखने की फज़ीलत का उल्लेख किया गया है। इसी तरह इस रोज़े की एतिहासिक पृष्ठभूमि की ओर भी संकेत किया गया है कि किस तरह अल्लाह ने इसी दिन अपने....
मुस्त़फा सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का एक अधिकार अहले बैत का सम्मान भी है।
हर वर्ष नये हिज्री साल के आगमन पर हम अल्लाह के दिनों में से एक ऐसे दिन का अभिनंदन करते हैं, जिसके बारे में लोगों ने मतभेद किया है, और वह मुहर्रम के महीने का दसवाँ दिन है। इसके अंदर दो ऐसी प्रभवाशाली घटनाएँ घटीं हैं जिनके कारण लोगों ने....
उम्मुल-मोमिनीन (अर्थात् विश्वासियों की माँ) उम्मुल-मोमिनीन सैयिदा आयशा बिन्त अबू बक्र सिद्दीक़ रज़ियल्लाहु अन्हुमा पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की पत्नियों में आपके निकट सबसे प्रिय और चहेती थीं, उम्महातुल मोमिनीन के बीच उनका महान स्थान था। वह क़ुरआन व हदीस और इस्लामी धर्मशास्त्र मे निपुण महिला थीं। इस लेख....
उम्मुल-मोमिनीन (अर्थात् विश्वासियों की माँ) उम्मुल-मोमिनीन सैयिदा हफ्सा बिन्त उमर बिन खत्ताब रज़ियल्लाहु अन्हुमा एक महान सहाबी खुनैस बिन हुज़ैफा अस-सहमी रज़ियल्लाहु अन्हु की पत्नी थीं, जो उहुद की लड़ाई में एक मार लगने के कारण अल्लाह को प्यारे हो गए थे। उसके बाद पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने....
उम्मुल-मोमिनीन (अर्थात् विश्वासियों की माँ) सैयिदा ज़ैनब बिन्त खुज़ैमा अल-हारिस रज़ियल्लाहु अन्हा को गरीबों और मिस्कीनों के साथ हमदर्दी व मेहरबानी करने के कारण “उम्मुल-मसाकीन” (अर्थात ग़रीबों की माँ) के नाम से याद किया जाता था, बद्र की लड़ाई में उनके पति के शहीद होने के बाद पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि....
उम्मुल-मोमिनीन (अर्थात् विश्वासियों की माँ) सैयिदा रमलह बिन्त अबू सुफयान रज़ियल्लाहु अन्हा फसाहत (साफ सुथरी भाषा) वाली और शुद्ध विचार की मालिक महिला थीं। उनके पहले पति उबैदुल्लाह बिन जह्श की मौत के बाद पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने उनसे शादी की। इस लेख में उनकी संक्षेप जीवनी प्रस्तुत....
उम्मुल-मोमिनीन (अर्थात् विश्वासियों की माँ) सैयिदा हिन्द बिन्त सुहैल उम्मे सलमा रज़ियल्लाहु अन्हा शिष्टाचार और समझबूझ (बुद्धि) में सबसे परिपूर्ण महिलाओं में से थीं, वह पहले पहल इस्लाम स्वीकार करनेवालों में से थीं, उनके पति अबू सलमा की मृत्यु के बाद पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने उनसे शादी की,....
उम्मुल-मोमिनीन (अर्थात् विश्वासियों की माँ) सैयिदा ज़ैनब बिन्त जहश रज़ियल्लाहु अन्हा उन महिलाओं में से हैं जिन्हों ने इस्लाम में प्रवेश करने में शीघ्रता की, वह अपने धर्म में पक्की और सच्ची थीं, उन्हों ने कुरैश की यातना और उत्पीड़न को सहन किया यहाँ तक कि अपने हिज्रत करने वाले....
उम्मुल-मोमिनीन (अर्थात् विश्वासियों की माँ) सैयिदा जुवैरियह रज़ियल्लाहु अन्हा अपनी क़ौम के लिए सबसे अधिक बरकत वाली महिला थीं, पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के उनसे शादी कर लेने के कारण क़ौम - बनी मुस्तलिक़ - के सौ घर वाले आज़ाद कर दिए गए। इस लेख....