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मैं एक हिंदू हूँ, मेरे अंदर इस्लाम के प्रति मज़बूत रूझान और झुकाव पैदा हो गया है। आपकी वेबसाइट की तरह वेबसाइट पृष्ठ मेरे जैसे लाखों युवाओं के लिए अल्लाह की ओर से एक दया है। निकट ही यदि अल्लाह की इच्छा हुई तो मैं इस्लामी दुनिया से अपनी संबंद्धता की घोषणा करूँगा। आशा है कि आप मेरे लिए इस्लाम धर्म में प्रवेश करने के लिए दुआ करेंगे। तथा मुझे आशा है कि - अल्लाह की तौफीक़ से - ये अच्छे कार्य जिसे आप जैसे लोग अंजाम दे रहे हैं, जारी रहेंगे।

    वह इस्लाम से बहुत क़रीब है

    هو قريب جدا من الإسلام

    ] fgUnh - Hindi -[ هندي

    मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद

    محمد صالح المنجد

    अनुवाद : साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर

    समायोजन : साइट इस्लाम हाउस

    ترجمة: موقع الإسلام سؤال وجواب
    تنسيق: موقع islamhouse

    2012 - 1433

    वह इस्लाम से बहुत क़रीब है

    मैं एक हिंदू हूँ, मेरे अंदर इस्लाम के प्रति मज़बूत रूझान और झुकाव पैदा हो गया है। आपकी वेबसाइट की तरह वेबसाइट पृष्ठ मेरे जैसे लाखों युवाओं के लिए अल्लाह की ओर से एक दया है। निकट ही यदि अल्लाह की इच्छा हुई तो मैं इस्लामी दुनिया से अपनी संबंद्धता की घोषणा करूँगा। आशा है कि आप मेरे लिए इस्लाम धर्म में प्रवेश करने के लिए दुआ करेंगे। तथा मुझे आशा है कि - अल्लाह की तौफीक़ से - ये अच्छे कार्य जिसे आप जैसे लोग अंजाम दे रहे हैं, जारी रहेंगे।

    र प्रकार की प्रशंसा और गुणागान केवल अल्लाह के लिए योग्य है।

    हम आपकी सराहना पर आपके आभारी हैं। और आप को आपके निर्णय पर बधाई देते हैं, और आप के लिए प्रार्थना करते हैं कि अल्लाह तआला वास्तव में आप को जल्द ही बिना विलंब के इस धर्म में प्रवेश दिलाए और हम कहते हैं कि : हे अल्लाह! तू अपने इस बंदे को शीघ्र ही सीधे पथ का मार्गदर्शन कर दे, और उसके लिए इस्लाम धर्म की ओर शीघ्र हिदायत (पथप्रदर्शन) लिख दे, निःसंदेह तू सब सुनने वाला और स्वीकार करने वाला है।

    तथा ऐ बुद्धिमान और विवेकी आप इस बात को याद रखें कि आप ही के ऊपर अनिवार्य है कि व्यवहारिक क़दम उठायें, और यह भी याद रखें कि अल्लाह ने जिसके लिए अपने रास्ते का मार्गदर्शन लिख दिया है उसके लिए आसानी पैदा कर देगा, अतः अपने पालनहार की पुकार को स्वीकार करें और शहादतैन (दो गवाहियों) यानी “ला इलाहा इल्लल्लाह" और “मुहम्मदुर्रसूलुल्लाह" का इक़रार करें और इस्लाम की इबादतों को व्यवहार में लायें, तथा इस बात को याद रखें कि अधिक प्रतीक्षा करने में कोई हित नहीं है, क्योंकि आप को पता नहीं कि जीवन लीला कब समाप्त हो जाए, तथा शायद आप भी जानते होंगे कि इस्लाम स्वीकार करने में विलंब करना आप से बहुत से अज्र व सवाब को गवाँ देगा जिन्हें आप अगर इस्लाम में जल्दी करते तो प्राप्त कर सकते थे। और यह कि नमाज़, या सद्क़ा व खैरात, या रोज़ा, या अल्लाह का ज़िक्र, सिला रेहमी (रिश्तेदारों के साथ सद्व्यवहार), या क़ुरआन का पाठ इत्यादि, सब का अज्र व सवाब (पुण्य) प्रतीक्षा और विलंब की अवधि में आप से छूट जायेगा। इसलिए आप आगे बढ़ें, संकोच न करें, संकल्प और सुदृढ़ता से काम लें, प्रतीक्षा न करें। तथा अपने धर्म को बदलने का क़दम उठाना या रिश्तेदारों की निंदा आपको भयभीत न करे, क्योंकि जो सत्य को पहचान लेता है वह उसके रास्तें में क़ुर्बानी देता है और उस पर धैर्य से काम लेता है। हम अपने दिलों की गहराईयों से आपके लिए तौफीक़, शुद्धता, मार्गदर्शन और हक़ पर धैर्य करने की कामना करते हैं, तथा मार्गदर्शन का पालन करने वाले पर शांति अवतरित हो।