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मुसलमानों के लिए बैतुल-मक़्दिस का क्या महत्व है ॽ क्या यहूद का उसमें कोई अधिकार हैॽ - (हिन्दी)

चूँकि मैं एक मुसलमान हूँ, इसलिए निरंतर यह बात सुनता रहता हूँ कि मदीनतुल-क़ुद्स हमारे लिए महत्व पूर्ण है। परंतु इसका कारण क्या है ॽ मैं जानता हूँ कि ईशदूत याक़ूब (अलैहिस्सलाम) ने उस नगर में मस्जिदुल अक़्सा का निर्माण किया, और हमारे नबी मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने....

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यदि एम मोज़े के ऊपर दूसरा मोज़ा या एक जुर्राब पर दूसरा जुर्राब पहन लें तो दोनों में से किस पर मसह किय - (हिन्दी)

क्या दो जुर्राबों (मोज़ों) पर एक दूसरे के ऊपर मसह करना जाइज़ है ? और यदि ऐसा करना जाइज़ है और उसने मसह कर लिया किंतु उसने पहला मोज़ा निकाल दिया फिर उसका वुज़ू टूट गया तो क्या उसके लिए अब मसह करना जाइज़ है या नहीं ?

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नमाज़ी प्रति रकअत में दो सज्दे क्यों करता है ॽ - (हिन्दी)

जब मैं बच्चा था तो मुझसे बताया गया था कि जब अल्लाह ने इब्लीस को जन्नत से निकाल दिया और जब फरिश्तों ने अल्लाह के सख्त क्रोध को देखा तो वे दुबारा सज्दे में गिर गए, इसी कारण हम नमाज़ में दो बार सज्दा करते हैं, तो क्या इस में....

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छोटे बच्चे को शीया का अर्थ कैसे बतलाया जाए ॽ - (हिन्दी)

मेरा एक भांजा है जिसकी आयु आठ साल है, वह एक बार अचानक मुझसे यह प्रश्न कर बैठा कि शीया लोग कौन हैं ॽ मेरी समझ में नहीं आया कि उसे क्या जवाब दूँ, परंतु मैं ने उससे यह कहा कि बड़े होने के बाद तुम्हें पता चल जायेगा !....

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आशूरा और मीलाद के अवसरों पर परिवार का एकत्रित होना - (हिन्दी)

क्या मौसमों (मौसमों से मेरा मक़सद मीलाद और आशूरा इत्यादि जैसे अवसर हैं) और ईदों में परिवारजनों -भाईयों और चचेरे भाईयों- का एकत्रित होना और एक साथ भोजन करना जाइज़ है ? तथा क़ुर्आन को याद करने (उसे खत्म) करने के बाद ऐसा करने वाले के बारे में क्या हुक्म....

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आशूरा के साथ नवें मुहर्रम का रोज़ा रखना मुसतहब है - (हिन्दी)

मैं इस वर्ष आशूरा (दसवें) मुहर्रम का रोज़ा रखना चाहता हूँ। मुझे कुछ लोगों ने बताया है कि सुन्नत का तरीक़ा यह है कि मैं आशूरा के साथ उसके पहले वाले दिन (नवें मुहर्रम) का भी रोज़ा रखूँ। तो क्या यह बात वर्णित है कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम....

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अकेले आशूरा के दिन का रोज़ा रखने का हुक्म - (हिन्दी)

क्या यह जायज़ है कि मैं केवल आशूरा के दिन का रोज़ा रखूँ, उस से पहले एक दिन या उसके बाद एक दिन का रोज़ा न रखूँ ?

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आशूरा के रोज़े की फज़ीलत - (हिन्दी)

मैं ने सुना है कि आशूरा का रोज़ा पिछले साल के गुनाहों का कफ्फारा (प्रायश्चित) बन जाता है, तो क्या यह बात सही है ? और क्या हर गुनाह यहाँ तक कि बड़े गुनाहों का भी कफ्फारा बन जाता है ? फिर इस दिन के सम्मान का क्या कारण है....